एकबार राजा कृष्ण देव राय ने तेनालीराम को एक बकरा देते हुए कहा कि इस बकरे को एक महिने अपने पास रखो।
पर शर्त यह है कि इसका वजन न कम होनी न बढनी चाहिए।
तेनालीराम ने बकरे के खाने के लिए पत्ते, भरपूर घास व चारे का इन्तजाम कर दिया।
परन्तु उस बकरे को एक बाघिन के पिंजरे के सामने बांध दिया। फिर एक महिने के बाद देखा गया कि बकरे का वजन एक ही है न घटा और न बढ़ा।