सर्वस्व तुम्ही संपूर्ण तुम्ही अब जान लिया मैंने स्वामी। तुम्हरे ही कारण अब निज को पहचान लिया मैंने स्वामी।
दया सिंधु तुमने ही मेरे विश्वासों को अर्थ दिया।
हर पल चलते ही रहने का साहस व् आशीष दिया।
सर्वस्व तुम्ही.....
संकट मैं सन्देश तुम्हारा सहन शक्ति बन जाता है।
तेरे साहस से ही स्वामी मुझ मैं साहस आता है।
सर्वस्व तुम्ही.....
स्वामी तेरे ज्ञान पुंज से मुझ मैं ज्ञान की ज्योति जगे।
तेरी सुंदरता ही मेरे जीवन का सौंदर्य बनी।
सर्वस्व तुम्ही.....
तेरी दयालु का कृपा दृष्टि से मुझ मैं दयालु का भाव जगे।
तेरी विनम्रता से मेरे मन में कोमल भाव जगे।
सर्वस्व तुम्ही.....
स्वामी तेरी आँखों में पूजन अर्चन भक्ति पायी।
तेरी पूजन अर्चन से ही मैंने जीवन क्षति पायी।
सर्वस्व तुम्ही.....
तेरी मुस्कानों से स्वामी सीखा मैंने मुस्काना
निंदा पर निंदा से हटकर सीखा हँस के जी जाना।
सर्वस्व तुम्ही.....
स्वामी तुमने ही मुझको अपूर्व प्रेम उपहार दिया।
तुम स्वामी मैं दास तुम्हारा जीवन मेरा सफल किया।
सर्वस्व तुम्ही.....