हमारे संतों ने श्रद्धा को विश्वास से भी ऊपर का दर्जा दिया है। विश्वास और अविश्वास दोनों ही तर्क से जीते हैं। इन दोनों का भोजन तर्क है। नास्तिक तर्क देता है कि ईश्वर नहीं है। आस्तिक तर्क देता है कि ईश्वर है। लेकिन दोनों ही तर्क देते हैं और तर्क पर ही भरोसा करते हैं। मतलब, विश्वास और अविश्वास दोनों ही तर्क से चलते हैं।